सफल ऑपरेशन के बाद बच्चे और उसके खुश परिजनों के साथ सर्जन।
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नवजात अंशिका का जीवन खुशहाल बनाने की कवायद
डॉ.आकाश खैरा ने किया हड्डी की कई जटिल बीमारियों का नि:शुल्क इलाज
ललितपुर। चिकित्सा सेवा की ऐसी मिसाल कि एक अस्थिरोग सर्जन ने नवजात कन्या की कई बीमारियों का जटिल इलाज नि:शुल्क कर दिया। बेटी का गरीब पिता कई बड़े शहरों में इस इलाज के लिये दर दर की ठोकरें खाता रहा था। लेकिन अब यह परिवार बहुत खुश है और उनके जीवन में नई रोशनी आ गयी है। डॉ.खैरा ने बताया कि इस समाजसेवा को करने के बाद उनके मन में संतुष्टि मिली है।
जनपद की राजघाट सीमा के पास मध्यप्रदेश के ग्राम टोरा के निवासी कुंअरलाल कुशवाहा की 2 दिन की बच्ची अंशिका को आर्थोग्राईप्रोसेस मल्टीप्लैक्स कंजेनाईटा सिंड्रोम यानी एएमसी की बीमारी का पता चला था। यह जन्मजात बीमारी ऐसी थी कि उसके दाँयें पैर की हड्डियों के सभी जोड़ अपनी जगह से उखड़े हुये थे। दाँयीं तरफ की पसलियाँ कम थीं तथा रीढ़ की हड्डी भी टेड़ी थी। पैर के पंजे भी मुड़े हुये थे। इतनी सारी समस्याओं के साथ पैदा हुयी बच्ची का जीवन संवारना उनकी माँ रागनी को मुश्किल लग रहा था। उन्होंने कई बड़े मेडिकल सैंटर्स पर जाकर चिकित्सा विशेषज्ञों से सलाह ली, परन्तु कोई सकारात्मक परिणाम नजर नहीं आये। आखिरकार उन्हें किसी ने डॉ.आकाश खैरा के पास जाने की सलाह दी। डॉ.आकाश खैरा ने बताया कि उन्होंने इस बच्ची के केस को चुनौती मानकर स्वीकार किया और सबसे पहले उसके उखड़े हुये घुटनों को सही जगह पर बैठाया फिर पॉनसेटी तकनीकि की मदद से टेड़े-मेड़े पंजों की बीमारी यानी क्लब फुट को दूर किया। इसके बाद टीनोटॉमी ऑपरेशन के माध्यम से पैर को पूरी तरह सीधा कर दिया। इस इलाज के दौरान कई बार बच्ची के प्लास्टर बदलना पड़े।
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सारा इलाज किया नि:शुल्क
डॉ.आकाश खैरा ने बताया कि इस मंहगे इलाज में भी बच्ची के पिता की आर्थिक स्थिति को देखते हुये सारा इलाज नवजीवन क्लीनिक द्वारा नि:शुल्क किया गया। डॉ.खैरा ने यह भी वादा किया है कि उसके कूल्हे का ऑपरेशन भी जल्द ही नि:शुल्क किया जायेगा।
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इनका रहा सहयोग
इस सारी सर्जरी में चिकित्सा व्यवस्थापन का जिम्मा नवजीवन क्लीनिक एवं अल्ट्रासाउंड केन्द्र पर बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.अभ्युदय शर्मा ने किया। इस दौरान ओमकरन सिंह, रोहित राजपूत, आस्था गिदरौनियाँ, आशीष तिवारी, मोना, रिजा एवं आलिया का सहयोग रहा।