मुक्ति संस्था ने तीन शवों का कराया अंतिम संस्कार
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दो शवों की नहीं हो सकी शिनाख्त, एक के रिश्तेदार नहीं जुटा सके कफन
ललितपुर। मुक्ति संस्था ने धार्मिक रीतिरिवाज को ध्यान में रखकर तीन शवों का अंतिम संस्कार कराया है। इनमें दो शव जिनकी शिनाख्त नहीं हो सकी थी तो अन्य एक के रिश्तेदार सक्षम नहीं थे कि उसके अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी व अन्य सामग्री जुटा सकें। इस पर संस्था ने उसका भी अंतिम संरकार कराया।
बीते दिनों मुक्ति संस्था के संरक्षक लक्ष्मीनारायण विश्वकर्मा आचार्य ने एक अज्ञात व्यक्ति को बीमार होने पर भर्ती कराया था लेकिन उपचार के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। एक व्यक्ति कुरैशी फार्म हाउस के पास पाया गया था, जिसे एंबुलैंस से जिला अस्पताल लाया गया। चिकित्सको ने उसे मृत घोषित कर दिया। इन दोनों ही शवों की शिनाख्त नहीं हो सकी, उनके पास कोई पहचान का प्रपत्र भी मौके पर नहीं मिला था। तीसरे शव की पहचान रवि पुत्र राजेश निवासी इलाइट के पास के रूप में हुई थी। इसके परिवार के नाम पर रवि की गर्भवती बहन रेखा और रेखा का पति ही था, जिनके पास इतना धन नहीं था कि वह अपने भाई का अंतिम संस्कार करवा सकें। इसकी सूचना मिलने पर मुक्ति संस्था ने रवि का अंतिम संस्कार भी करवाया। इस तरह श्मशान घाट पर एक साथ तीन चिताएं जलाई गई, इसे देख मौके पर मौजूद लोगों का मन द्रवित हो उठा। उन्होंने परमात्मा से प्रार्थना की कि तीनों मृतकों की आत्माओं को शांति प्रदान करें और उन्हें अपने चरणों में स्थान दें। उधर, मुक्ति संस्था के अध्यक्ष अज्जू बाबा का कहना है कि गठन से लेकर अब तक संस्था ने 600 अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार कराया है।